आने वाले समय में प्याज और लहसुन के भाव बढ़ेंगे या नहीं, और बढ़ेंगे तो कब तक बढ़ेंगे

लहसुन और प्याज के भाव: वर्तमान स्थिति, मंडियों के भाव और भविष्य की संभावनाएं

नमस्ते! आपका प्रश्न लहसुन (garlic) और प्याज (onion) के भावों के बारे में है, जिसमें यह शामिल है कि उनके भाव कब तक बढ़ सकते हैं, वर्तमान में कौन-सी मंडियों में क्या भाव चल रहे हैं, आने वाले समय में बदलाव की संभावना, और क्या भाव बढ़ेंगे या नहीं। मैं आपको नवीनतम उपलब्ध डेटा (27 अगस्त 2025 तक) के आधार पर पूरी जानकारी दूंगा। यह जानकारी वेब सर्च, मार्केट रिपोर्ट्स और कृषि पोर्टलों से ली गई है। ध्यान दें कि कृषि उत्पादों के भाव मौसम, फसल की उपलब्धता, निर्यात नीतियां और मांग-आपूर्ति पर निर्भर करते हैं, इसलिए ये दैनिक बदल सकते हैं। मैं इसे सरल भाषा में समझाऊंगा और जहां जरूरी हो, टेबल का उपयोग करूंगा।

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1. वर्तमान स्थिति: लहसुन और प्याज के भाव क्यों बढ़ रहे हैं या बदल रहे हैं?

  • प्याज (Onion): प्याज के भाव में हाल ही में उतार-चढ़ाव देखा गया है। 2025 की शुरुआत में भाव ऊंचे थे (मार्च में औसत ₹2,489/क्विंटल कर्नाटक में), लेकिन मई-जुलाई में नई फसल की आवक से भाव गिरे (जुलाई में 6.2% ऊपर लेकिन कुल मिलाकर गिरावट)। अगस्त 2025 में मौसम की वजह से (भारी बारिश और स्टोरेज समस्या) कुछ जगहों पर भाव बढ़े हैं, लेकिन कुल मिलाकर गिरावट का रुझान है। सरकार ने बफर स्टॉक बनाया है और निर्यात पर नियंत्रण (20% ड्यूटी हटाने की खबरें) से भाव स्थिर हो रहे हैं। वर्तमान औसत भाव ₹1,700-₹3,000/क्विंटल है।
  • लहसुन (Garlic): लहसुन के भाव 2025 में ऊंचे स्तर पर हैं, क्योंकि खरीफ फसल की देरी (बारिश की वजह से) और स्टोरेज स्टॉक कम होने से आपूर्ति प्रभावित हुई। जनवरी 2025 में भाव गिरे थे नई फसल से, लेकिन अगस्त में औसत ₹6,000-₹8,000/क्विंटल तक पहुंच गए। वैश्विक स्तर पर अधिशेष (surplus) है, लेकिन भारत में लोकल मांग (शादियों का सीजन) से भाव ऊंचे हैं। ये भाव मुख्य रूप से रबी फसल (मार्च-अप्रैल में कटाई) के स्टोरेज पर निर्भर हैं। monsoon के दौरान स्टोरेज खराब होने से भाव बढ़ते हैं, लेकिन नई खरीफ फसल (सितंबर-अक्टूबर) आने पर गिर सकते हैं।

2. वर्तमान मंडियों में लहसुन और प्याज के भाव (27 अगस्त 2025 तक)

यहां प्रमुख मंडियों के नवीनतम भाव दिए गए हैं। ये Rs/क्विंटल में हैं (1 क्विंटल = 100 kg)। डेटा विभिन्न स्रोतों से है, जैसे Agmarknet, Commodity Online और लोकल रिपोर्ट्स। भाव वैरायटी (जैसे बड़ा प्याज, लाल प्याज) और क्वालिटी पर निर्भर करते हैं।

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प्याज के भाव (Onion Prices):

मंडी/राज्यवैरायटीन्यूनतम भाव (₹/क्विंटल)अधिकतम भाव (₹/क्विंटल)औसत भाव (₹/क्विंटल)तारीख
बैंगलोर (कर्नाटक)सामान्य प्याज3,0003,4003,40027 अगस्त 2025
बैंगलोर (कर्नाटक)पुना3,2003,4003,40027 अगस्त 2025
पटना (बिहार)लाल2,4003,1002,500-3,10026 अगस्त 2025
अमृतसर (पंजाब)सामान्य1,8001,8461,84627 अगस्त 2025
इंदौर (मध्य प्रदेश)बड़ा1,2001,4001,40027 अगस्त 2025
लासलगांव (महाराष्ट्र)सामान्य1,2002,1001,500-2,0003 अगस्त 2025 (हालिया गिरावट)
पिंपलगांव (महाराष्ट्र)सामान्य1,0001,4001,20026 अगस्त 2025
पूरे भारत (औसत)सभी1007,0001,70313 अगस्त 2025 (अद्यतन औसत)

लहसुन के भाव (Garlic Prices):

मंडी/राज्यवैरायटीन्यूनतम भाव (₹/क्विंटल)अधिकतम भाव (₹/क्विंटल)औसत भाव (₹/क्विंटल)तारीख
आजादपुर (दिल्ली)सामान्य6,0008,0007,00027 अगस्त 2025
जेतपुर (गुजरात)सामान्य2,9504,8803,10526 अगस्त 2025
राजकोट (गुजरात)अन्य3,0004,5003,62526 अगस्त 2025
वधवन (गुजरात)सामान्य9,00010,00010,00023 अगस्त 2025
नारनौल (हरियाणा)सामान्य6,0008,0007,00023 अगस्त 2025
मंदसौर (मध्य प्रदेश)सामान्य8,00010,1009,400हालिया (कम थोक)
देवबंद (उत्तर प्रदेश)सामान्य14,00016,00016,0003 अगस्त 2025
पूरे भारत (औसत)सभी20020,0007,69025 अगस्त 2025

नोट: ये भाव थोक (wholesale) हैं। खुदरा में 20-50% ज्यादा हो सकते हैं। प्याज में बैंगलोर और बिहार ऊंचे हैं, जबकि महाराष्ट्र में गिरावट। लहसुन में गुजरात और दिल्ली ऊंचे हैं।

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3. आने वाले समय में बदलाव की संभावना: भाव कब तक बढ़ेंगे और क्या बढ़ सकते हैं?

  • प्याज के लिए:
    • कब तक बढ़ेंगे? अगस्त 2025 में भाव पहले से गिर रहे हैं (जुलाई में तेज गिरावट, अगस्त की शुरुआत में गिरावट जारी)। खरीफ फसल की आवक सितंबर-अक्टूबर से शुरू होगी, जिससे भाव और गिर सकते हैं। अगर बारिश ज्यादा हुई या स्टोरेज खराब हुआ, तो सितंबर तक हल्का बढ़ाव संभव, लेकिन कुल मिलाकर गिरावट का ट्रेंड है। नवंबर-दिसंबर में शादियों के सीजन से मांग बढ़ सकती है, लेकिन सरकार के बफर स्टॉक (4.7 लाख टन FY25 में) से नियंत्रण रहेगा।
    • क्या बढ़ सकते हैं? हां, लेकिन सीमित। अगर मौसम खराब रहा (भारी बारिश से फसल प्रभावित) या निर्यात बढ़ा, तो भाव ₹2,000-₹2,500/क्विंटल तक जा सकते हैं। लेकिन पूर्वानुमान के अनुसार, 2025 के अंत तक स्थिर या गिरावट (वैश्विक स्तर पर 15% सालाना गिरावट)। लासलगांव जैसे मंडियों में किसान भाव गिरने से चिंतित हैं, इसलिए सरकार हस्तक्षेप कर सकती है।
    • समझाएं: प्याज की कीमतें मौसमी हैं। रबी फसल (80% उत्पादन) मार्च में आती है, जो स्टोर होती है। monsoon में स्टोरेज इश्यू से भाव बढ़ते हैं, लेकिन नई फसल से गिरते हैं। 2025 में उत्पादन अच्छा होने की उम्मीद, इसलिए लंबे समय में गिरावट।
  • लहसुन के लिए:
    • कब तक बढ़ेंगे? अगस्त 2025 में भाव ऊंचे हैं, लेकिन सितंबर से नई फसल (खरीफ) आने पर गिरावट शुरू हो सकती है। अगर आवक अच्छी रही, तो अक्टूबर तक गिरावट। वैश्विक अधिशेष से 2025 के अंत तक भाव गिर सकते हैं (2024 में 16% गिरावट बाजार में)।
    • क्या बढ़ सकते हैं? नहीं, ज्यादा संभावना गिरावट की है। भारत में उत्पादन 30 लाख टन सालाना है, और नई फसल (जनवरी से लेकिन देरी) से आपूर्ति बढ़ेगी। अगर मांग ज्यादा रही (शादियां, निर्यात), तो हल्का बढ़ाव, लेकिन कुल ट्रेंड गिरावट का (वैश्विक CAGR 1.4% ऊपर लेकिन कीमत दबाव)। मंदसौर जैसे मंडियों में किसान लागत वसूल नहीं कर पा रहे, इसलिए भाव गिर सकते हैं।
    • समझाएं: लहसुन की फसल भी मौसमी है। खरीफ जून-जुलाई में बोई जाती है, अक्टूबर-नवंबर में कटाई। रबी सितंबर-नवंबर बोआई, मार्च-अप्रैल कटाई। 2025 में मध्य प्रदेश, राजस्थान में अच्छी फसल की उम्मीद, लेकिन जल स्तर गिरने से चिंता। वैश्विक surplus से भारत में आयात सस्ता हो सकता है, भाव गिराएगा।

4. सुझाव और सावधानियां

  • किसानों के लिए: अगर आप किसान हैं, तो Agmarknet या Commodity Online ऐप से रोजाना भाव चेक करें। सरकारी योजनाएं जैसे बफर स्टॉक खरीद से फायदा उठाएं।
  • उपभोक्ताओं के लिए: थोक मंडी से खरीदें या सब्सिडी वाले आउटलेट्स (जैसे NCCF) से। भाव बदलते रहते हैं, इसलिए लोकल मार्केट चेक करें।
  • सामान्य ट्रेंड: 2025 में दोनों के भाव मौसम पर निर्भर। अगर El Niño या बारिश प्रभावित, तो बढ़ाव; अन्यथा गिरावट। लंबे समय में (2030 तक) उत्पादन बढ़ने से स्थिरता।

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