
नीमच मंडी लहसुन भाव 25 जून 2025 – देसी और उठी लहसुन के ताजा रेट, आवक और बाजार की चाल
नमस्कार मेरे प्यारे किसान भाइयों,
आज की मंडी रिपोर्ट लेकर मैं फिर से आपकी सेवा में हाज़िर हूं। आज दिनांक 25 जून 2025 हो चुकी है और नीमच मंडी में आज भी लहसुन का कारोबार पहले की तरह सक्रिय नजर आया। देसी और उठी दोनों ही किस्मों की अच्छी-खासी आवक रही और बाजार की चाल भी लगभग स्थिर बनी रही।
आज हम जानेंगे:
- नीमच मंडी में देसी और उठी लहसुन के ताजा भाव,
- कुल आवक कितनी रही,
- बाजार में तेजी या मंदी की स्थिति क्या रही,
- और अंत में किसान भाइयों के लिए कुछ जरूरी सलाह, जो फसल बेचने के समय काम आ सके।
🔹 उठी लहसुन का ताजा भाव – 25 जून 2025
किसान भाइयों, आज नीमच मंडी में उठी लहसुन का बाजार पहले जैसा ही सामान बना रहा। अच्छी क्वालिटी के माल को व्यापारी भाव दे रहे हैं, जबकि कमजोर माल में थोड़ी सुस्ती है।
👉 आज का अधिकतम रेट (बढ़िया माल): ₹11,100 प्रति क्विंटल
➡️ बाजार की चाल: आज बाजार में न ज्यादा तेजी थी और न ही कोई खास मंदी। इसे हम “समान” बाजार कह सकते हैं।
व्यापारियों का कहना है कि फिलहाल मांग बनी हुई है लेकिन खरीदी सीमित मात्रा में हो रही है क्योंकि मौसम और बारिश के अनुमान से थोड़ी अनिश्चितता बनी हुई है।
🔸 देसी लहसुन की मंडी रिपोर्ट
अब बात करते हैं हमारे देसी लहसुन की, जो आज मंडी में अच्छी मात्रा में आया। नीमच मंडी में आज देसी लहसुन की आवक करीब 8000 बोरी से अधिक रही।
👉 उपरी भाव (बढ़िया क्वालिटी): ₹9500 प्रति क्विंटल
👉 कुल आवक: 8000+ बोरी
👉 बाजार की चाल: स्थिर यानी बाजार “समान” रहा।
आज जिन किसान भाइयों के पास स्पेशल, फूल गोल या बढ़िया मोटा लहसुन था, उन्हें ₹9000 के ऊपर भाव मिल गया। वहीं मीडियम या औसत माल ₹5000 से ₹8000 के बीच बिका।
📊 किस्म अनुसार देसी लहसुन के रेट
किसान भाइयों, नीचे मैं देसी लहसुन की किस्म के अनुसार आज के ताजा रेट बता रहा हूं ताकि आप अपने माल का वर्गीकरण करके अंदाजा लगा सकें कि आपको क्या भाव मिल सकता है।
लहसुन की किस्म | आज का भाव (₹/क्विंटल) |
---|---|
चालानसार माल | ₹3000 – ₹4500 |
छर्री माल | ₹4500 – ₹5000 |
मीडियम लड्डू माल | ₹5000 – ₹5500 |
लड्डू माल | ₹6000 – ₹7000 |
मोटा माल | ₹7500 – ₹8000 |
फूल गोल माल | ₹8000 – ₹8500 |
स्पेशल माल | ₹9500 – ₹9700 |
📌 नोट: यदि आपका माल एक जैसी क्वालिटी का है, साफ है और छांटा हुआ है, तो रेट बेहतर मिलते हैं। खासकर फूल गोल और स्पेशल माल पर व्यापारियों की नजर सबसे ज्यादा होती है।
📈 बाजार विश्लेषण – तेजी या मंदी?
किसान भाइयों, अब बात करते हैं कि आने वाले दिनों में बाजार किस दिशा में जा सकता है। क्योंकि सही अनुमान से ही सही फैसला लिया जा सकता है।
🔼 तेजी के संकेत:
- जुलाई के पहले हफ्ते से मानसून की सक्रियता बढ़ेगी, जिससे मंडी की आवक कम हो सकती है।
- व्यापारी और स्टोरेज करने वाले बारिश से पहले माल खरीदना चाह रहे हैं।
- अच्छी क्वालिटी का माल अब धीरे-धीरे कम होता जा रहा है।
🔽 मंदी के कारण:
- अगर लगातार मौसम खुला रहा और किसान भारी मात्रा में माल एक साथ मंडी में लाते हैं, तो रेट पर दबाव बन सकता है।
- कमजोर क्वालिटी के माल की भरमार हुई तो बाजार नीचे आ सकता है।
📌 फिलहाल का निष्कर्ष: बाजार “समान” है लेकिन हल्की तेजी आने की संभावना है, खासकर स्पेशल माल में।
✅ किसान भाइयों के लिए उपयोगी सलाह
- माल को अच्छी तरह छांटें और सूखा कर रखें – बाजार में रेट का सबसे बड़ा असर माल की क्वालिटी पर होता है।
- फूल गोल और स्पेशल माल को मंडी में जल्द भेजें, क्योंकि ऐसे माल पर अभी अच्छी मांग बनी हुई है।
- औसत क्वालिटी वाला माल थोड़ा रुककर भेजें, हो सकता है आने वाले दिनों में भाव बढ़े।
- मंडी रेट पर रोज़ नज़र रखें – कभी-कभी एक ही दिन में ₹300-500 का फर्क आ जाता है।
- बारिश से पहले फसल बेचने का समय बेहतर रहता है, बारिश के बाद नमी के कारण भाव बिगड़ सकते हैं।
💬 मेरी बात – एक किसान की नज़र से
किसान भाइयों, मैं खुद भी एक किसान हूं। मैं जानता हूं कि फसल उगाने से लेकर मंडी तक पहुंचाने तक की मेहनत क्या होती है। एक-एक बोरी में कितना पसीना लगता है, ये हम किसान ही समझ सकते हैं।
इसीलिए मैं हर रोज़ की मंडी रिपोर्ट पूरी ईमानदारी और सच्चाई से आप तक पहुंचाता हूं ताकि आप सही समय पर सही निर्णय ले सकें। मेरा मकसद सिर्फ यही है कि किसी भी किसान भाई को गलत भाव में माल ना बेचना पड़े।
अगर आप भी इस जानकारी से लाभ पा रहे हैं तो इसे अपने गांव, रिश्तेदार, मंडी के किसान भाइयों के साथ जरूर शेयर करें।
📱 अंत में – आपकी सुविधा के लिए
अगर आप चाहें तो मैं इस रिपोर्ट को PDF फॉर्म में भी बना सकता हूं ताकि आप इसे मोबाइल या WhatsApp पर आसानी से शेयर कर सकें। साथ ही एक सुंदर थंबनेल भी बना सकता हूं जो आप सोशल मीडिया पर लगा सकें।
फिर मिलते हैं कल की ताज़ा रिपोर्ट के साथ,
तब तक के लिए –
जय जवान, जय किसान!
– आपका साथी, एक किसान की आवाज़ से