
48 से 60 KG तक का Real सफर – Mera Weight Gain Struggle जो कोई नहीं बताता
नाम मेरा राहुल है, उम्र अभी 29 साल। 2016 में जब मैं इंजीनियरिंग कॉलेज खत्म करके नौकरी लगा था तो मेरा वजन था सिर्फ़ 48 किलो, लंबाई 5 फुट 9 इंच। लोग मज़ाक उड़ाते थे – “अरे हड्डियों का ढाँचा, हवा का झोंका आएगा तो उड़ जाएगा”। मैं हँस देता था पर अंदर से टूट जाता था। शादी की बात चलती तो लड़की वाले पहले सवाल यही करते – “लड़का दिखने में कैसा है?” और बात खत्म। मैंने ठान लिया था कि चाहे जो हो जाए, वजन बढ़ाऊँगा।
पहले 4-5 साल तो मैंने वही किया जो हर पतला लड़का करता है – बनाना शेक, मलाई-मक्खन वाली दाल, रात को दूध-बादाम, जिम में हैवी वेट, क्रिएटिन, वेट गेनर… सब कुछ। पैसा भी खूब खर्च किया। 2-3 किलो बढ़ते भी थे, पर 15-20 दिन बाद फिर वापस 48-49 पर आ जाता। मुझे लगता था मेरे शरीर में कोई कीड़ा है जो सब खा जाता है। डॉक्टर के पास गया, थाइरॉइड टेस्ट, CBC, सब नॉर्मल। डॉक्टर बोले – “तुम्हारा मेटाबॉलिज़्म बहुत तेज़ है, बस धैर्य रखो”। धैर्य मेरा खत्म हो चुका था।
फिर 2022 में एक दिन मैं अपने गाँव गया। वहाँ मेरे ताऊजी रहते हैं, उम्र 70 पार, पर शरीर अभी भी भरा हुआ। मैंने उनसे रोते हुए सारी कहानी सुनाई। वो चुपचाप सुने और सिर्फ़ एक लाइन बोले – “बेटा, तू खाना खा तो रहा है, पर पचता नहीं। पहले पेट ठीक कर, फिर वजन अपने आप आएगा”। उस दिन मेरी आँखें खुलीं।
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मैंने अगले 2 साल पूरी तरह अपना गेम बदल दिया। ये रहा वो तरीका जिसने सच में काम किया:
सबसे पहले मैंने खाना कम कर दिया! हाँ, सुनने में अजीब लगेगा पर मैं पहले दिन में 6-7 बार खाता था, छोटी-छोटी मील। उससे पेट कभी आराम नहीं करता था। मैंने मील घटाकर 4 कर दीं, पर हर मील को भारी और पचने लायक बनाया। सुबह नाश्ता – 4 बनाना + 6 अंडे की सफेदी + 2 पूरे अंडे + एक ग्लास फुल क्रीम दूध + मूंगफली का मक्खन। दोपहर में घर की 4 मोटी रोटी + देसी घी वाली दाल + चिकन/मछली + चावल। शाम को कोई भारी शेक नहीं, बस एक मुट्ठी भुने चने + गुड़। रात को फिर वही जैसा दोपहर में। हफ़्ते में 2 दिन राजमा-चावल और छोले-भटूरे भी खाता। बस बाहर का तला-भुना और कोल्ड ड्रिंक पूरी तरह बंद।
दूसरी सबसे बड़ी गलती जो मैं कर रहा था – जिम में हर दिन 2-2 घंटे और कार्डियो भी कर लेता था। मेरा शरीर मसल्स बनाने से पहले ही सारी कैलोरी जला देता था। मैंने कार्डियो बिल्कुल बंद कर दिया। जिम सिर्फ़ 4 दिन हफ़्ते में, 45 मिनट से ज़्यादा नहीं। हैवी कंपाउंड लिफ्ट – स्क्वाट, डेडलिफ्ट, बेंच प्रेस, पुलअप। हर एक्सरसाइज 5-6 रेप्स, भारी वजन। बाकी 3 दिन सिर्फ़ टहलना या आराम।
तीसरा और सबसे ज़रूरी – नींद। पहले मैं रात 2 बजे सोता था। अब रात 10 बजे बिस्तर पर और सुबह 6 बजे उठता। 8-9 घंटे की नींद। लोग कहते हैं नींद से वजन बढ़ता है, मैंने खुद महसूस किया।
चौथा – तनाव। नौकरी में प्रेशर बहुत था। मैंने रोज़ 10 मिनट ध्यान और 5 मिनट गहरी साँस की एक्सरसाइज शुरू की। कोरटिसोल हार्मोन कम हुआ तो भूख भी ठीक लगने लगी।
पहले 3 महीने तो फिर वही कहानी – सिर्फ़ 1-1.5 किलो बढ़ा। मैं फिर टूटने लगा। पर इस बार हार नहीं मानी। चौथे महीने अचानक 2.5 किलो बढ़ गए। फिर हर महीने 800 ग्राम से 1 किलो तक बढ़ने लगा। आज 2 साल बाद मैं 60 किलो का हूँ। अभी भी पतला लगता हूँ पर पहले जैसा कंकाल नहीं। लोग अब कहते हैं – “यार राहुल, कुछ तो माल डाल लिया है।
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एक बात और बताऊँ – मैंने कोई महंगा सप्लीमेंट नहीं लिया। सिर्फ़ एक सस्ता वेट गेनर घर पर बनाया – ओट्स + बनाना + मूंगफली का मक्खन + दूध + शहद, मिक्सी में पी लिया। बस।
जो लड़के अभी भी 45-50 किलो में फँसे हैं, उनसे बस यही कहना चाहता हूँ:
- अपना पेट ठीक करो – रात को हल्का खाओ, सुबह भारी।
- कार्डियो बंद करो, हैवी वेट उठाओ, कम रेप्स।
- 9 घंटे सोना ज़रूरी है, ये सबसे सस्ता मास गेनर है।
- धैर्य रखो – मेरा वजन 8 साल में नहीं बढ़ा, 2 साल की सही स्ट्रेटजी से बढ़ा।
- हर हफ़्ते फोटो खींचो, वजन रोज़ नहीं बढ़ता पर बॉडी बदलती है।
आज मेरी शादी हो गई। मेरी बीवी कहती है – “तुम्हें देखकर लगता है कि जो इंसान ठान ले, वो कर सकता है”। ये सुनकर सारे 8 साल के दुख भूल जाता हूँ।
भाई, अगर तू भी परेशान है तो हार मत मान। बस गलत तरीका छोड़ और सही तरीका अपनाना शुरू कर। 6 महीने बाद खुद मुझे धन्यवाद देगा।
तू कर सकता है। – राहुल, 48 से 60 किलो तक का सफर। (अब भी सफर जारी है)
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